हिंदी और पश्तो में बनी पहली फिल्म ‘काबुली पठान’



प्रेमबाबू शर्मा

बालीवुड और हालीवुड के सहयोग से बनी कई फिल्मों के बाद में अनेक कलाकारों ने पाकिस्तान की फिल्मों में भी काम करने के बाद में अब हिंदी और पश्तो (अफगानी भाषा) में बनी है,पहली फिल्म ‘काबुली पठान’। जो एक तरह से बॉलीवुड और अफगान फिल्म इंडस्ट्री की दोस्ती का पैगाम हैफिल्म के निर्माता मार्शल इब्राहीमी ने फिल्म के बारे में जानकारी  देते हुए प्रेस वार्ता के दाबॉलीवुड के मशहूर वितरक हाफिज नाडियाडवाला, निर्माता आर पी सिंह (गोविंदा के मामा) और अफगानिस्तान के जनाब जवाँशीर हैदरी, जनाब मुहम्मद इब्राहिम आरिफी और जनाब सईद कासम हाशमी मौजूद थे, इनके अलावा फिल्म की पूरी टीम, काफी सारे मीडिआ कर्मी और अफगानिस्तान से चंद मीडिया के लोग भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम का संचालन वैभव शर्मा श्नायाबश् ने बड़ी कुशलता के साथ किया। फिल्म के नायक व निर्माता मार्शल इब्राहीमी लोगो के प्रतिसाद से काफी अभिभूत थे।

डो-अफगान की जॉइंट प्रोडक्शन फिल्म काबुली पठान पूर्ण रूप से भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में शूट हुई है, इस फिल्म में कई विदेशी कलाकार हैं, फिल्म के नायक मार्शल इब्राहीमी, काबुल से हैं, फजल हकीमी लंदन के हैं, और दोनों ही अफगानी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सितारे हैं, नायिका लीडा आरिआ कनाडा की हैं, वाहिद फरोगी हॉलैंड से हैं व दूसरी नायिका धृति पटेल भिलाई छत्तीसगढ़ से हैं, इनके अलावा फिल्म में विनोद खेमानी, गोपाल खेमानी और बॉलीवुड के एहसान खान भी फिल्म के सितारें हैं। फिल्म काबुली पठान दो बैनर के अंतर्गत बनी हैं, प्रथम आशियाना फिल्म प्रोडक्शंस (पश्तो भाषा के लिए) जिसके निर्माता हैं मार्शल इब्राहीमी, व दूसरा बैनर भारत में हिंदी भाषा के लिए दोस्ती फिल्म एंटरटेनमेंट है जिसके निर्माता अजित एस कथेरिआ हैं, संगीत एवं, खालिद केहन और वकार शफी हैं जो लंदन और काबुल से हैं, गीत वतन दोस्त, इन्दर गीत, रोया फरहत व कतील शिफाई का है, गीतों को शहजाद आदिल, घेजल इनायत, जरवाली अफगान, लतीफ नांगरही, जमीन जहीर, जईन, सेदिक शबाब व इन्दीर गीत के आवाजो में स्वरबद्ध किया गया है।

इस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के निर्देशक हिर्देश कांबले हैं जो सुप्रसिद्ध निर्देशकों जॉन मैथव मथन, महेश भट्ट और विक्रम भट्ट के सहायक रह चुके हैं, फिल्म के लेखक फजल हकीमी हैं, सिनेमेटोग्राफी महेश राजन का है, नृत्य दीपक सिंह का, एक्शन महम्मद अली व संपादन सुशील ए गोथनकर का है।फिल्म का कथनिक अफगानी पृष्टभूमि से हिंदुस्तान आये कुछ व्यक्तियों पर आधारित है।