“इंश्योरेंस : उपभोक्ताओं के लिए जीवन रक्षा कवच” विषय पर आरजेएस पीबीएच का जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 आज रामजानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) के तत्वावधान में द अवेयर कंज्यूमर के सहयोग से फिजिकल व वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन  इंश्योरेंस : उपभोक्ताओं के लिए जीवन रक्षा कवच विषय पर दीदेवार जीवन ज्योति,नई दिल्ली में किया गया।  21 जनवरी से शुरू गणतंत्र दिवस सप्ताह का 28 जनवरी को अपने समापन कार्यक्रम में आरजेएस पीबीएच के राष्ट्रीय संयोजक व संस्थापक मीडिया कर्मी उदय मन्ना ने 28 जनवरी को कार्यक्रम का सफल संचालन और पाॅजिटिव मीडिया डायलॉग किया। कार्यक्रम के सह-आयोजक द अवेयर कंज्यूमर के संपादकीय बोर्ड मेंबर प्रफुल्ल डी शेठ थे और कार्यक्रम की अध्यक्षता इंटरनेशनल कंज्यूमर पाॅलिसी विशेषज्ञ व द अवेयर कंज्यूमर के संपादक और प्रकाशक प्रोफेसर बिजोन कुमार मिश्रा ने की। उन्होंने  बीमा क्षेत्र में चीजों को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें 1.40 अरब लोगों के हमारे देश में काफी संभावनाएं हैं और इसे अंततः अंतिम व्यक्ति को भी कवर करना चाहिए, न  केवल उन लोगों को, जो आयुष्मान भारत के तहत आते हैं, जो 50 करोड़ लोगों को कवर करता है।इस चिंता को प्रभावी ढंग से सामने रखा गया और जनहित याचिका में पूछा गया है। वर्तमान स्थितियों में सुधार के लिए बैंक बचत या बीमा आय की लावारिस राशि को चैनलाइज़ करने का प्रयास करने की आवश्यकता बताई।

कार्यक्रम का शुभारंभ आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह कोहली के दीदेवार सिद्धांत और सुविचार से हुआ। उज्ज्वला वीमेंस एसोसिएशन की अध्यक्षा और एआईडब्ल्यूसी की संरक्षक सुश्री बीना जैन ने अतिथियों का स्वागत किया और इंश्योरेंस के मायने समझाए। इस अवसर पर आरजेएशिएन्स ने महात्मा गांधी व माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्यतिथि तथा लाला लाजपत राय की जयंती पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मुख्य अतिथि अपोलो आयुर्वेद अस्पताल के संस्थापक और एमडी,  राजीव वासुदेवन ने अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में आयुर्वेद के फायदे बताते हुए कहा कि बीमारी और अच्छे स्वास्थ्य के बारे में गलत धारणाएं हैं।  उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य चक्र गर्भधारण से शुरू होता है और किसी व्यक्ति के स्वस्थ होने की क्षमता आंशिक रूप से या पूरी तरह से महसूस होती है।  दरअसल बीमारियाँ अपने प्रकट होने से कई साल पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा देती हैं।  उन्होंने कहा कि केवल बीमारी के लक्षणों को दबाने से ही व्यक्ति वर्षों तक इससे पीड़ित रहता है।  उन्होंने बीमारी के पांच मूल कारणों के बारे में बात की: आहार, जीवन शैली, मानसिक कारक, सह-रुग्णताएं, बाहरी कारक।  यद्यपि डॉक्टरों पर निर्भरता आवश्यक हो सकती है, व्यक्ति को उचित आहार, सही दृष्टिकोण और व्यवहार के माध्यम से अपने स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार महसूस करना चाहिए: आहार, विहार, व्यवहार। आयुर्वेद, लक्षणों से राहत देने के अलावा, बीमारी का निदान, उपचार और जड़ से उन्मूलन करता है।  इसे इस परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है कि गैर-संचारी रोगों में अधिकतम स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है।  उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बीमारियों से पहले और प्रकट होने के दौरान निपटना होगा, और उपचार के बाद पुनर्वास भी महत्वपूर्ण है।  उन्होंने हृदय रोग विशेषज्ञ और आयुर्वेद आदि के बीच एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता पर भी जोर दिया। वरिष्ठ हैल्थ संपादक  धनंजय सिंह जी , आर्थिक संपादक मनोहर मनोज, आरजेएस पीबीएच पैनलिस्ट प्रफुल्ल पाण्डेय और एडवोकेट इंदु जैन ने अपने विचार रखे।    आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर दीपचंद माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया और 13 फरवरी को मारवाह स्टूडियो नोएडा के कार्यक्रम और गुजरात यात्रा की जानकारी दी।  श्री मन्ना ने कहा कि  4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस‌ ,11 फरवरी को 120 देशों में लाफ्टर क्लबों के अग्रणी डॉ. मदन कटारिया के साथ  वेबिनार आयोजित किया जाएगा । 

13.02.2024 को वैश्विक पत्रकारिता महोत्सव में आरजेएस पीबीएच पुस्तक के खंड 2 के आगामी लॉन्च के उपरांत 24.02.2024 से गुजरात यात्रा होगी। कार्यक्रम में आभासी और फिजिकल पैनलिस्ट दुर्गा दास आजाद,मोहम्मद इशाक खान, सतेंदर और सुमन त्यागीऔर अन्य लोग शामिल हुए। कार्यक्रम दोपहर के भोजन के साथ ही संपन्न हो गया।