भारत सरकार द्वारा वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए वन महोत्सव जुलाई के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1960 के दशक में तत्कालीन कृषि मंत्री कंहैयालाल माणिक लाल मुंशी ने की थी। वृक्षारोपण आज भी समय की मांग है। इसी के मद्देनजर 28 जून 2020 को आरजेएस राष्ट्रीय वन महोत्सव वेबिनार का आयोजन राम जानकी संस्थान(आरजेएस) और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि विकास शिल्प केंद्र (टीजेएपीएस केबीएसके)हुगली, पश्चिम बंगाल द्वारा किया जा रहा है।इसमें तकनीकी सहयोग डेली डायरी न्यूज़ का रहेगा।
आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि “जलवायु परिवर्तन का जल, जंगल, जमीन और हरियाली पर प्रभाव” विषय पर जलपुरुष डा.राजेंद्र सिंह , 25 राज्यों से जुड़े आरजेएस फैमिली और पाॅजिटिव मीडिया को संबोधित करेंगे। रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेंद्र सिंह ने राजस्थान के अलवर जैसे सूखा ग्रस्त इलाके में परंपरागत जोहड़ों की वापसी के साथ पानी की समस्या का हल किया। धीरे-धीरे इनकी यही मुहिम राजस्थान सहित पूरे भारत में फैल गई और आज उन्हें जल पुरुष के नाम से जाना जाता है।
आरजेएस आॅब्जर्वर दीप माथुर ने बताया कि वेबिनार में भूदान आंदोलन के सूत्रधार विनोबा भावे के सहकर्मी और शांति साधना आश्रम गुवाहाटी (असम) के संस्थापक संत हेम भाई मुख्य अतिथि हैं।वेबिनार में अतिथि वक्ता हैं-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अपर निदेशक डॉ डी.साहा, पर्यावरण पुस्तक के लेखक डॉ. विष्णु पूरी, डा.वहाब और प्रकृति भक्त राजेश शर्मा आदि हैं ।वेबिनार में कई राज्यों से जुड़ी आरजेएस फैमिली और पाॅजिटिव मीडिया को आमंत्रित किया गया है।सकारात्मक भारत आंदोलन जागरूकता मुहिम के अंतर्गत अनेक राज्यों से प्रकृति प्रेमियों ने अपने घर और आसपास की हरियाली की विडियो रिकॉर्डिंग भेजकर अन्य लोगों को प्रेरित करने का पुण्य कार्य किया है।इनके नाम हैं- आरजेएस के प्रेरणास्रोत रामजग सिंह प्रो.आर.के.कादियान, योगी-कवि प्रेम भाटिया, डा.नरेंद्र टटेसर, अरूण शर्मा, मुकेश भटनागर, गुलाम रसूल देहलवी, आशीष पाण्डेय, अजय कुमार, राम सिंह, रिंकल शर्मा, इशाक खान, रितु कपिल टेकरा, नयनतारा,प्रखर वार्ष्णेय, भानुप्रताप सिंह, दयानंद सिंह,दीपक श्रीवास्तव आदि।
Source: उदय कुमार मन्ना