जाॅब संबंधी सलाह पर आधारित अपनी तरह पहली पुस्तक ‘एन एक्सपर्ट्स गाइड टू द टाॅप 101 इंट्री-लेवेल जाॅब्स फाॅर एमबीएज़ एण्ड ग्रैजुएट्स’ पुस्तक का लोकार्पण केन्द्रिय मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। पुस्तक के लेखक श्री टी मुरलीधरण हैं।
यह इसी लेखक और रूपा प्रकाषन की ही बेस्ट सेलर ‘ऐन एक्सपर्ट्स गाइड टू युअर राइट फस्र्ट जाॅब’ की अगली कड़ी है।
‘‘आईटी इंडस्ट्री में काॅलेज के नए ग्रैजुएट के लिए जाॅब कम होते जाएंगे। इसलिए युवाओं को आईटी और आईटीईएस इंडस्ट्री के परे भी देखना होगा। लेकिन अन्य सेक्टर के जाॅब के बारे में स्पश्ट जानकारी का अभाव है। इसलिए यह रेफरेंस बुक जरूरी है जिसमें न केवल जाॅब की सूची है बल्कि यह भी बताया गया है कि क्यों युवाओं के लिए कोई खास जाॅब अधिक उपयुक्त होगा और क्यों युवक या युवतियां किसी खास इंडस्ट्री में कॅरियर बनाएं। पुस्तक में यह सब बताया गया है,’’ पुस्तक के लेखक श्री टी. मुरलीधरण ने बताया जो भारत के प्रमुख रोजगार माध्यम संगठन – टीएमआई ग्रुप के अध्यक्ष भी हैं। पुस्तक के दायरे में इन दो प्रमुख सेक्टर के साथ 13 इंडस्ट्री सेक्टर रखे गए हैं और इन सेक्टर के 52 से अधिक किस्म के जाॅब की सूची दी गई है। पुस्तक में ग्रैजुएट के लिए आईटी और आईटीईएस में 10 किस्म के जाॅब के विवरण और 39 किस्म के ऐसे जाॅब के बारे में जानकारी है जो हर व्यवसाय संगठन के 8 कार्य क्षेत्रों में आम हैं।
पुस्तक का लोकार्पण करते हुए माननीया मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने श्री मुरलीधर को बधाई देते हुए कहा, ‘‘यह पुस्तक न केवल रोजगार के उम्मीदवारों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी उपयोगी है जो युवा और नई पीढ़ी के लिए हमेषा रोजगार सृजन के अवसर तलाषने में लगी होती है। श्री मुरलीधरण के तीन साल के षोध के परिणामस्वरूप हमें एक ठोस जमीन तैयार करने की पर्याप्त सामग्री मिलेगी जिसके आधार पर रोजगार सृजन करने की सरकार की रणनीति सफल होगी।’’
उन्होंने बताया, ‘‘सच तो यह है कि हम विद्यार्थियों पर स्कूलों और काॅलेजों में पढ़ाई का बोझ डाल देते हैं जबकि जरूरत उन्हें सही कौशल देने की है। शिक्षा के अलावा आज विद्यार्थियों को सलाह की जरूरत है जिससे उनके ज्ञान के स्तर में बड़ा बदलाव आएगा और उनकी रोजगार योग्यता बढ़ेगी।’’
‘‘अधिकांश ग्रैजुएट ग्रैजुएशन से ठीक पहले और तुरंत बाद जाॅब की तलाश शुरू कर देते हैं। प्लेसमेंट के भारी तनाव में वे सबसे पहले मिलने वाला जाॅब चुन लेते हैं। पर तीन महीनों के अंदर उन्हें अहसास हो जाता है कि उन्हें कुछ और चाहिए था। इसलिए कैम्पस में जाॅब की काउंसेलिंग की अत्यधिक जरूरत है ताकि हर ग्रैजुएट सोच-समझ कर निर्णय ले सके। हर मां-बाप को चाहिए कि उनके बच्चे के जाॅब शुरू करने से पहले उन्हें यह पुस्तक पढ़ने को दें,’’ श्री मुरलीधरण ने कहा।
रोजगार सृजन की दिशा में मोदी सरकार के गंभीर प्रयासांे के बारे में बात करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘मोदी सरकार की भी एक सबसे बड़ी प्राथमिकता रोजगार सृजन करना है। प्रधानमंत्री मोदी के सामने जब भी कोई परियोजना स्वीकृति के लिए आती है वे कहते हैं कि आपका प्रस्ताव तो सही है पर इससे कितने लोगों को रोजगार मिलेंगे और इससे रोजगार योग्यता कैसे बढ़ेगी?’’
भारत में अपनी किस्म की इस पहली पुस्तक से अगले 6 वर्षों में लगभग 20 लाख नए आरंभिक स्तर के 101 किस्म के जाॅब का पता चलेगा। यह बीई, बीटेक, बीए, बीकाॅम, बीएससी, बीबीए, बी फार्मा, बीएल के साथ-साथ एमबीए, एमसीए, एमबीबीएस, सीए, आईसीडब्ल्यूए, सीएस और डिप्लोमा धारकों के लिए वरदान साबित होगा। इससे न केवल युवाओं के सामने नए अवसर आएंगे बल्कि सही कॅरियर चुनने में भी उन्हें बड़ी मदद मिलेगी। यह ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट आॅफिसरांे (टीपीओए) और माता-पिता के लिए भी अवश्य पठनीय पुस्तक है।
लेखक का परिचय
टी. मुरलीधरण आईआईटी चेन्नई से ग्रैजुएषन और आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ने के बाद पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं और आज टीएमआई ग्रुप के अध्यक्ष हैं। टीएमआई की गिनती भारत के चोटी के रिक्रूटमेंट फर्म में होती है। सन् 1991 से अब तक मुरलीधरण और इस ग्रुप की मदद से 100,000 से अधिक प्रोफेशनल निजी क्षेत्र में उपयुक्त रोजगार पा चुके हैं। विभिन्न राष्ट्रीय मंचों के नियमित वक्ता रहे मुरलीधरण के द हिन्दू, द वीक और साक्षी जैसी पत्र-पत्रिकाओं में शिक्षा और रोजगार पर गंभीर आलेख पढ़े जा सकते हैं। आज श्री मुरलीधरण कई अहम् पदांे पर हैं जैसे भारत सरकार के राष्ट्रीय सूक्ष्म, छोटे एवं मध्यम उद्यम बोर्ड (एमएसएमई) के सदस्य; फेडरेशन आॅफ इंडियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) के राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य; फिक्की स्किल डेवलपमेंट फोरम के पूर्व सह-अध्यक्ष; और जाॅब्स डायलाॅग के संस्थापक।