उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है जाने वाले साल का अंतिम सलामी देने का समय करीब आता जा रहा है पूरी तैयारीयों के साथ जश्न बंधा है घड़ी के कांटे से. देहरी पर दस्तक दे रहा है नया साल, बस कुछ समय का इंतजार और फिर स्वागत नये वर्ष का, नई सुबह का नयी उमंग, जश्न और जुनून के साथ,साथ ही मौका है बीते बरस की यादों का सहेज-समेट कर रखने का……..नये वर्ष का आगमन किसी त्यौहार से कम नही होता अन्य त्यौहार की तरह नया वर्ष मनाने का भी लोगों में काफी उत्साह देखा जाता हैं साथ ही नए साल में सभी कोई न कोई प्रण (रेज़ल्यूशन) अवशय लेते है, त्योहारों की बात चली है तो चलिए एक नजर दुनिया के रीति-रिवाजों पर डालते है…….भारतीय परंपरा में कहा जाता है कि साल के पहले दिन जो जैसा करता है या जैसा खाता है, उसका पूरा साल वैसा ही गुजरता है इसलिए यहाँ नव वर्श परिवार के साथ स्वादिश्ट व्यंजनों का आनंद उठातें हुए मनाया जाता है….
फिलीपींस में साल के पहले दिन लोग गोलाकार या घेरे वाली वस्तुए उपहार स्वरूप लेते या देते है ऐसा माना जाता है कि ये सौभाग्य और खुशहाली लाती है
यूनान में चाँदी और सोने के सिक्के डालकर केक बनाया जाता है और नये साल में केक काटकर सबको दिया जाता है जिनके हिस्से के केक में सिक्का निकलता है वह साल उस व्यक्ति के लिए भाग्यशाली माना जाता है।
मेक्सिको में लोग साल के पहले दिन ऊन की भेड़ बनाकर दरवाजों पर लटकाते है ऐसा माना जाता है कि यह समृद्धि का प्रतीक होती है।
लैटिन अमेरीका में 12 अंगूर रात्रि 12 बजे खाने की परंपरा है साथ ही प्रत्येक अंगूर के साथ एक मन्नत भी ली जाती है। जिसमें कहा जाता है कि जिन्दगी अंगूरों की तरह खट्टी- मिठी होती है इसे सम्पूर्णता से स्वीकार करें।
भावनाएँ और मन्नतें तो पूरी दुनिया की एक सी है, कुछ अलग है तो बस स्वागत का तरीका….. इसलिए आइए इस कामना के साथ नए साल में प्रवेष करें की परस्पर आत्मीयता के स्नेह-सूत्र और मजबूत हो ,नया वर्ष सबके जीवन में सुख, शान्ति और समृद्धि ले कर आए…. मेरी और से समस्त पाठक वर्ग को शुभ कामनाएँ नया वर्ष मंगलमय हो …..